Ekadashi Kab Hai – Saphala Ekadashi 2022 ऐसे करें व्रत और पूजा, इन उपायों से तुरंत मिलेगा लाभ

ekadashi kab ha – सफला एकादशी 2022-Saphala Ekadashi 2022 साल की आखिरी एकादशी आज, यहां जानें सही मुहूर्त और पूजन विधि | सफला एकादशी 2022: तिथि और समय सफला एकादशी व्रत से मिलेंगे ये लाभ सफला एकादशी का महत्व ऐसे करें सफला एकादशी की पूजा (Saphala Ekadashi Puja Vidhi)

Saphala Ekadashi 2022 ऐसे करें व्रत और पूजा, इन उपायों से तुरंत मिलेगा लाभ

Saphala Ekadashi 2022: 19 दिसंबर 2022 को सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा. सभी एकादशी की तरह यह व्रत भी विष्णु जी को समर्पित है. इस व्रत के प्रभाव से हर कार्य में सफलता मिलती है.

Saphala Ekadashi 2022 आज सफला एकादशी 2022 है. सफला एकादशी का व्रत पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. सफला एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे पुण्यदायी और श्रेष्ठ माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार एक ही महीने में दो एकादशी पड़ती है. प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है. यह एकादशी साल 2022 की आखिरी एकादशी है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.जो भी जातक विधि-विधान से एकादशी का व्रत करता है उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Saphala Ekadashi 2022 – सफला एकादशी 2022: तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार सफला एकादशी का व्रत पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह दिन 19 दिसंबर 2022, सोमवार को मनाया जा रहा है.

Saphala Ekadashi 2022 – सफला एकादशी 2022: शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि 19 दिसंबर 2022, सोमवार को सुबह 03:35 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 20 दिसंबर 2022, मगलवार को सुबह 02:35 बजे समाप्त होगी. जातक 20 दिसंबर 2022, मंगलवार को सुबह 07:08 से 09:12 तक सफला एकादशी का पारण कर सकते हैं.

सफला एकादशी व्रत से मिलेंगे ये लाभ – Saphala Ekadashi 2022

  • सफला का अर्थ होता है सफलता. सफला एकादशी के व्रत और पूजन से हर कार्य में उन्नति और सफलता मिलती है.
  • जो व्यक्ति विधि-विधान से इस व्रत को करता है, उसे निरोग जीवन और लंबी आयु की प्राप्ति होती है.
  • मान्यता है कि मात्र सफला एकादशी व्रत के प्रभाव से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है,
  • सफला एकादशी व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है.
  • सफला एकादशी व्रत से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि माता लक्ष्मी जी की भी कृपा मिलती है.

सफला एकादशी का महत्व – Saphala Ekadashi 2022

शास्त्रों में सफला एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण और फलदायी माना गया है. इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हिंदू पुराणों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि एकादशी का उपवास यज्ञ करने से भी अधिक फल देने वाला है.

ऐसे करें सफला एकादशी की पूजा (Saphala Ekadashi Puja Vidhi)

सफला एकादशी के दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं कुछ लोग इस दिन भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर ब्रह्म मुहूर्त में ही भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा के लिए स्नान के बाद साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र पहनें। प्रयास करें कि कम से कम एक वस्त्र पीला या केसरिया हो। गहरे रंग के कपड़े न पहनें।

घर के मंदिर में यदि भगवान विष्णु का चित्र या प्रतिमा है तो उनकी पूजा करें। अन्यथा अपने निकट के किसी विष्णु मंदिर में जाएं। वहां लक्ष्मीजी सहित भगवान विष्णु की प्रतिमा का पंचगव्य से अभिषेक कर पंचोपचार पूजा करें। उन्हें पीला चंदन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पीताम्बर, धूप, दीपक, नैवेद्य पान आदि अर्पित करें। पूरे दिन व्रत रखें एवं सायं काल में फलाहार लेकर व्रत खोलें। यदि संभव हो तो इस दिन गरीबों व भिखारियों को भी कुछ न कुछ खाने के लिए दान करें। इस दिन श्रीमद्भागवत के किसी भी एक अध्याय का पाठ करें। इस तरह व्रत करना भक्तों के समस्त कष्टों को दूर कर देता है।

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